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अक्सर रातों में

कभी कभी अक्सर रातों में
बीते कल की दृश्य
नजरों के सामने एक
फिल्म के रील की भाँति
न जाने क्यों चलती है
हंसता हुआ वो चेहरा
रूठने की वो अदा
फिर अचानक दिल छू लेने वाली
हसीन मुस्कान
उफ़!!!! दिल को आज भी
तार तार कर देती है

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