अच्छा है Abhishek kumar 4 years ago ना मिलने का रोज़ बहाना अच्छा है। यादों से हमको तड़पाना अच्छा है । सोते-सोते आ जाते हो ख्वाबों में हमसे मिलकर आँख चुराना अच्छा है।