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अच्छे से जान लो

सराफत है हमारी
मज़बूरी का मत नाम दो
जहाँ सिर्फ तुमसे चलता नहीं
यह अच्छे-से जान लो।।
हैं बहुत से लोग जिनका
तुमसे होगा पुराना वास्ता
उनकी चाहतें तुमसे जुङी हो
तुम तक जाता हो उनका रास्ता
पर मेरी मंजिल तुम नहीं
यह अच्छे-से जान लो।।
बहुत सारे लोग ऐसे
हमसे जुङी है दासताँ
उनके खातिर हूँ समर्पित
बस उन्हीं से अपना राब्ता
शेष अपनी ख्वाहिश नहीं
यह अच्छे-से जान लो।।

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