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“अधुरी मोहोब्बत”……

ये गमो की दौलत तेरी अधुरी मोहोब्बत ने बक्शी हैं
वरना हम क्या थे, हमारी ज़िन्दगी क्या थी, और हमारी सक्शियत क्या थी…..!!

देव कुमार

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