अधूरी नज्म Ashmita Sinha 4 years ago लफ्ज़ो में कहाँ बयां होती है मोहब्बत जब बेहिन्तहा होती है हम ही थे जो ये खता कर बैठे अब नसीब में बस अधूरी नज्म होती है