Site icon Saavan

अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने।

अपनी अदा देखाकर हुश्न के बाजार में मेरा भाव लगाया तुमने।
मिल गया कोई रईसजादा तो इस मुफलिस गरीब को ठुकराया तुमने।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने ।
रईसों के महफिल में मेरा मजाक उड़ाया तुमने ।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने ।
पत्थऱ समझके ठुकराया तुमने।
खिलौना समझके खेला तुमने।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने।
वफा के हर मोड़ पर बेवफाई निभाई तुमने।
अपनी निगाहों का सहारा देकर,
गैरों को निगाहों में बसाया तुमने ।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने ।
कभी जुल्फें तले सुलाया तुमने ।
मीठी-मीठी गीत गुनगुनाया तुमने ।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने ।
अब वो दौर ह, गैरों को बाहों का सहारा बनाया तुमने ।
और अपनी रईसी का रौब दिखाया तुमने ।।
मेरी मुफलिसी का औकात दिखाया तुमने
 विकास कुमार

Exit mobile version