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अपनो से नाराज़

सुबह के सपनें
सच होते हैं
क्या
यूं छोटी छोटी बातों पर
नाराज़ नहीं
होते
अपने से खफ़ा होते हैं क्या?
प्रज्ञा शुक्ला

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