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अब कोई तो बादल ही ढूंढ ले मुझको


अब कोई तो बादल ही ढूंढ ले मुझको,

बारिश ए बून्द ही सही चूम ले मुझको,

एक अरसे से सूखी हैं ये आँखे मेरी,

कोई हवा का झोंका ही सूंघ ले मुझको।।

राही (अंजाना)

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