अब पछताए होत क्या (कोरोना) Praduman Amit 4 years ago कोरोना से न करना यारी। यह है जान लेवा बिमारी।। कितने को डसा ए काला नाग। आज पर गया हम सब पे भारी।। क्यों सो चूके थे हम और तुम। चुपके से कोरोना का वार था करारी।। अच्छा होता काश!! हम संभल जाते। शायद ही देखने को मिलता ए महामारी।।