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अब मिलने में कितनी कहो देर है

फूल राहों में तेरे बिछाया सनम
अब आने में कितनी कहो देर है।
तेरी सूरत को दिल में बसाया सनम
अब मिलने में कितनी कहो देर है।।
मेरे धैर्य की होगी कितनी परीक्षा सनम
अब मिलने में कितनी कहो देर है।
विनयचंद करे कितनी प्रतीक्षा सनम
अब मिलने में कितनी कहो देर है।।

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