**अमर गीत”** Janki Prasad (Vivash) 6 years ago **अमर गीत”** आज कहीं भी नहीं उमड़ती मन से ऐसी पीर । आज कहाँ ढूढें बतलाओ , पीड़ा की जागीर । जानकी प्रसाद विवश