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अन्याय हुआ शोले उठे
अब सभी शोर रूक जाएँगे
सात दशक आजादी के जैसे
फिर बहार चमन में आएँगे
शहीद हुए जो मातृभूमि पर
यही शब्द रह जाएँगे
वतन पर मिटने वालों के
बस, यही निशाँ कहलाएँगे
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अन्याय हुआ शोले उठे
अब सभी शोर रूक जाएँगे
सात दशक आजादी के जैसे
फिर बहार चमन में आएँगे
शहीद हुए जो मातृभूमि पर
यही शब्द रह जाएँगे
वतन पर मिटने वालों के
बस, यही निशाँ कहलाएँगे
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