अलकें राही अंजाना 5 years ago उसकी आँखों में मेरी आँखें उतर कर भूल गईं, दिल ओ जिगर के पैमाने पे असर कर भूल गईं, गहरा समन्दर था ये गुमान टूट कर बिखर गया, उस रोज़ उसकी अलकों से सफर कर भूल गईं।। राही अंजाना