आज से नहीं तुम
अज़ल से हमारे हो,
गैहान जब से
बना होगा तब से,
दिल मे हमारे हो
गजल में हमारे हो।
अज़ल – अनादिकाल
गैहान – सृष्टि
आज से नहीं तुम
अज़ल से हमारे हो,
गैहान जब से
बना होगा तब से,
दिल मे हमारे हो
गजल में हमारे हो।
अज़ल – अनादिकाल
गैहान – सृष्टि