मेरे दर्द से तुम कभी
वाकिफ ना होना
मैं अश्रु बहाऊँ
तुम कभी ना रोना
तुम्हारी आँखों के समंदर
मैं अपनी आंखों में ले लूंगी
बस गुजारिश है
तुम किसी और के मत होना।
मेरे दर्द से तुम कभी
वाकिफ ना होना
मैं अश्रु बहाऊँ
तुम कभी ना रोना
तुम्हारी आँखों के समंदर
मैं अपनी आंखों में ले लूंगी
बस गुजारिश है
तुम किसी और के मत होना।