आंखें आईना NIMISHA SINGHAL 5 years ago बैठे-बैठे मुस्कुरा रहे हो हमसे तुम कुछ छुपा रहे हैं आंखें हैं आईना धड़कनों का उनमें हाल-ए-दिल पढ़ा रहे हो। निमिषा सिंघल