आईना जितनी दफ़ा देखूँ Pragya 4 years ago करुँ कितना भी श्रिंगार पर जानती हूँ तेरे आगे कुछ भी नहीं हूँ मैं दीद जिस दिन नहीं होती तेरी चांद छत पर नहीं आता आईना जितनी दफ़ा देखूँ तेरा ही चेहरा नज़र आता