आओ किताबों के पन्नों से बाहर निकल चलते हैं,
काले अक्षरों से निकल रौशनी की ओर चलते हैं,
बहुत पढ़ लिए विषय इन किताबों के,
आओ हकीकत के दो पन्ने पलट कर देखते हैं।।
राही (अंजाना)
आओ किताबों के पन्नों से बाहर निकल चलते हैं

आओ किताबों के पन्नों से बाहर निकल चलते हैं,
काले अक्षरों से निकल रौशनी की ओर चलते हैं,
बहुत पढ़ लिए विषय इन किताबों के,
आओ हकीकत के दो पन्ने पलट कर देखते हैं।।
राही (अंजाना)