फिर शान से लहराया तिरंगा, देखो आज अपने देश में।
बड़ा सुहावन लगे जन गण मन गीत, आज अपने देश मे।।
कहीं इंक़िलाब जिंदाबाद तो कहीं जय जवान जय किसान।
यही नारे से प्रेरित हो कर, दिए तिरंगा को सलामी आज अपने देश मे।।
पढ़ा था हमने सुभाष, भगत, आज़ाद की सच्ची बलिदानी।
उन सब की बलिदानी ही रंग लायी, आज अपने देश मे।।
शहीदों के समाधि पे ,श्रद्धा के दो फूल चढ़ा कर ।
स्वतंत्रता दिवस के गुण गान करेंगे आज अपने देश मे।।
क्या हिन्दू ,क्या मुस्लिम ,क्या सिख ,क्या ईसाई ।
हम सबका मज़हब एक है, यही बात दोहरायेंगे आज अपने देश में।।