ताज्जुब है तुम्हारी यादाश्त पर
सारी बातें कैसे याद रहती हैं तुम्हें
यही सोचती हूं मैं आजकल
क्योंकि मैंने तुम्हें कल
लफ्ज़ लफ्ज़ याद किया था
और आज भूल गई।
ताज्जुब है तुम्हारी यादाश्त पर
सारी बातें कैसे याद रहती हैं तुम्हें
यही सोचती हूं मैं आजकल
क्योंकि मैंने तुम्हें कल
लफ्ज़ लफ्ज़ याद किया था
और आज भूल गई।