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आज ज़िंदगी उस मुक़ाम पर हैं

आज ज़िंदगी उस मुक़ाम पर हैं

जहाँ दिल के टुकड़े हो गये

औऱ

ख़्वाब मुक़म्मल हो रहे हैं…

राजनंदिनी रावत
रावत-राजपूत

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