आतंक के पालने में जो मुल्क झूल रहा है
अंत उसका है निश्चित ये भूल रहा है
कायरों ने हमले किए भारत में कई बार
शर्मिंदा होने के बजाय कबूल रहा है
आतंक के पालने में जो मुल्क झूल रहा है
अंत उसका है निश्चित ये भूल रहा है
कायरों ने हमले किए भारत में कई बार
शर्मिंदा होने के बजाय कबूल रहा है