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आतिशबाज़ी का नज़ारा

दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है।
नेस्तेनाबूत आतंकियों का ठिकाना है।।

क्या सोचा, कुछ भी कर बच निकलोगे,
घर में घुसकर मारना आदत पुराना है।
दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है।।

आतिशबाज़ी का नज़ारा देखा तो होगा,
हमारा लोहा तो सारे संसार ने माना है।
दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है।।

बारूद से अब बहुत खेल लिया तुमने,
उसी बारूद से तुम्हारा घर जलाना है।
दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है।।

सौ बार सोच लें, हमसे टकराने से पहले,
वक्त से पहले तुम्हें ख़ाक में मिलाना है।
दुश्मनों का सर्वनाश जवानों ने ठाना है।।

देवेश साखरे ‘देव’

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