एक खरोंच भी लगे तो दर्द होता है
तो कैसे उसने ख़ुद अपनी जान ली होगी
नक़ाब के पीछे छिपे है चेहरे कई
मिलके उन काफ़िरों ने साज़िश की होगी
उसकी मुस्कान बताती है कितना ज़िंदादिल था वो
उन रहीसो से कहीं ज़्यादा क़ाबिल था वो
वो मेहनत कर रहा था वो आगे बढ़ रहा था
अपनी क़ाबिलियत से सबके दिल में बस रहा था
बस यही बात तो उनको गँवारा ना हुई
शुरू रास्ते से हटाने की तैयारी हुई
उसके जैसे कई और आते रहेंगे, तुम किस किस को मिटाओगे ?
ऐ हस्ती मिटाने वालों, हमारे दिल से कैसे मिटाओगे ?
✍️ Rinku Chawla