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आपका दर्द

आपका दर्द ,
दिल को
इस कदर,
मुझको तो प्यारा है ।
दर्द की
दवा देने में ,
अपना जीवन
गुजारा है ।
बढ़ीं बैचैनियाँ
जब जब.,
ना तुमको
नींद आई है ,
अपनी रातों को
आँखों ने,
रतजगा कर
गुजारा है ।

जानकी प्रसाद विवश

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