एक दूजे से मिलने की अनोखी आरज़ू रखते हैं,
चराग हवाओं से लिपटकर भी आबरू रखते हैं,
ब मुश्किल कुछ पल की मुलाकात के खातिर,
बड़ी हिम्मत जुटाते वो खुद को रूबरू रखते हैं,
राही अंजाना
एक दूजे से मिलने की अनोखी आरज़ू रखते हैं,
चराग हवाओं से लिपटकर भी आबरू रखते हैं,
ब मुश्किल कुछ पल की मुलाकात के खातिर,
बड़ी हिम्मत जुटाते वो खुद को रूबरू रखते हैं,
राही अंजाना