आसमां कि बुलंदी पर पैगाम भेजा है
अपने दोस्त को मैंने सलाम भेजा है
ख़त को मेरे यार को ही पकड़ना
ख़त में मैं दर्द जुदाई एहसास भेजा है
महेश गुप्ता जौनपुरी
आसमां कि बुलंदी पर पैगाम भेजा है
अपने दोस्त को मैंने सलाम भेजा है
ख़त को मेरे यार को ही पकड़ना
ख़त में मैं दर्द जुदाई एहसास भेजा है
महेश गुप्ता जौनपुरी