निभा तो सही सबसे इंसानियत का नाता है
कड़ी धूप और बरसात से बचाने वाला छाता है
परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं होता
तेरा ही करम तेरे भाग्य का निर्माता है
निभा तो सही सबसे इंसानियत का नाता है
कड़ी धूप और बरसात से बचाने वाला छाता है
परहित से बड़ा कोई धर्म नहीं होता
तेरा ही करम तेरे भाग्य का निर्माता है