इक नज्म है जिंदगी
जिसकी इबारतें हम लिखते है
गाते है, गुनगुनाते है
कई दफ़ा भूल भी जाते है
याद करने, भूलने में
लिखने औ मिटाने में
ये कारवां ए जिंदगी चले
इक नज्म है जिंदगी
इक नज्म है जिंदगी
जिसकी इबारतें हम लिखते है
गाते है, गुनगुनाते है
कई दफ़ा भूल भी जाते है
याद करने, भूलने में
लिखने औ मिटाने में
ये कारवां ए जिंदगी चले