‘तुझे तो रोक न पाया, किसी तरह लेकिन
शायद मैं तेरी याद को नाकाम कर सकूँ..
तू खुद नही मौजूद तो तेरा खयाल है,
इतना तो दे दे वक्त के कुछ काम कर सकूँ..’
– प्रयाग
‘तुझे तो रोक न पाया, किसी तरह लेकिन
शायद मैं तेरी याद को नाकाम कर सकूँ..
तू खुद नही मौजूद तो तेरा खयाल है,
इतना तो दे दे वक्त के कुछ काम कर सकूँ..’
– प्रयाग