आपकी यादों में अक्सर
सुबह से शाम होती है
ना अब दिन ही गुजरते हैं
ना अब तो रात होती है
खुदा भी सामने मुझसे
कभी मिलने को आ जाए
बता देंगे उसे भी हम
इबादत किसकी होती है ??
आपकी यादों में अक्सर
सुबह से शाम होती है
ना अब दिन ही गुजरते हैं
ना अब तो रात होती है
खुदा भी सामने मुझसे
कभी मिलने को आ जाए
बता देंगे उसे भी हम
इबादत किसकी होती है ??