इबादत Pragya 4 years ago पता नहीं इबादत के किस मोड़ पर हूं तेरी जरूरत भी नहीं तेरी कमी भी है होठों पर हंसी और आंखों में नमी भी है तेरे जाने का मलाल भी नहीं तेरे आने का इंतजार भी है