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इल्म

इल्म भी नहीं हुआ तेरे जाने का
आज भी कही बसती हो मेरे दिल मे

इन बारिस की शामों मे
अक्सर याद आती हो

हा तेरा घरौंदा छोड़ उड़ गई
पर देखो आज भी संभाल रखा हु इस दिल मे तुझे

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