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इस प्यार में

बगैर प्यार के कुछ भी नहीं संसार में।
वो कहते हैं क्या रखा है, इस प्यार में।

हंसीन लगती यह दुनिया, प्यार होते ही,
जहां की खुशियां सिमटी, इस प्यार में।

कैसे दिलाएं तुम्हें एतबार, इस प्यार का,
जां तक कुर्बान कर सकते, इस प्यार में।

ना करेंगे, ना होने देंगे, रुसवा ‘देव’ तुम्हें,
मोहब्बत को परस्तिश माना, इस प्यार में।

देवेश साखरे ‘देव’

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