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उजास

सब संभव हो यदि
हम पूरे मन से चाह ले
क्या नहीं बस में है अपना
जो खुद की क्षमता जान ले
राह निकल ही आए,
घनघोर अंधेरे में भी,
जो उम्मीद का दामन थाम ले ।
जीजिविषा जगाये मन में
कुछ ऐसा करतें जायें
थके नहीं अब कभी भी
यूँ उम्मीद की उजास जगाये
भटक ना पायें अब हम
चलो ईश्वर का दामन थाम ले ।

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