एक पन्ना और जुड़ गया
जीवन के अध्याय में
चिरंजीव चिरस्थायी का जो
आशीर्वाद दिया था माँ ने
आज धुंधला प्रतीत हो रहा है
अकस्मात एक प्रारब्ध बेला पर
एक पन्ना और जुड़ गया
जीवन के अध्याय में
चिरंजीव चिरस्थायी का जो
आशीर्वाद दिया था माँ ने
आज धुंधला प्रतीत हो रहा है
अकस्मात एक प्रारब्ध बेला पर