‘उन्वान-ए-किताब-ए-ज़िन्दगी था रखा कुछ और,
लिखा कुछ और, छपा कुछ और, दिखा कुछ और, पढ़ा कुछ और..’
– प्रयाग
मायने :
उन्वान ए किताब ए ज़िन्दगी – ज़िन्दगी की किताब का शीर्षक
‘उन्वान-ए-किताब-ए-ज़िन्दगी था रखा कुछ और,
लिखा कुछ और, छपा कुछ और, दिखा कुछ और, पढ़ा कुछ और..’
– प्रयाग
मायने :
उन्वान ए किताब ए ज़िन्दगी – ज़िन्दगी की किताब का शीर्षक