आज एक अजनबी से मुलाकात हुई
उसकी एक मुस्कान हृदय की शिराओं को
झकझोर गई….
अन्दर एक प्रकाश का ज्वार फूटा!
लौ जली, उसकी चितवन ले गई
देह से खून निकाल कर..!
साँस पर्वत सी कठोर हुई
आँख पथरायी और देह बर्फ बन पिघल सी गई!
जाने क्या हुआ ?? मैं कहाँ गई किस से मिली?
और कब घर आ गई???
कुछ पता नहीं बस इतना पता है
कि एक अजनबी से आज मुलाकत हुई।।।।।