एक दिन ऐसे ही मैंने कोशिश की ,
खुद को खुद में ढूंढने की,
वजूद को गहराइयों में टटोलने की,
अरे! कौन हूं मैं?
लिंग ,नाम, पहचान ,गौत्र, जाति ,धर्म,देश
सब पर विचार किया,
फिर भी संतुष्टि नहीं मिली नहीं।
फिर मन से आवाज आई ,
इन्सान हो और कुछ नहीं।
एक दिन ऐसे ही मैंने कोशिश की ,
खुद को खुद में ढूंढने की,
वजूद को गहराइयों में टटोलने की,
अरे! कौन हूं मैं?
लिंग ,नाम, पहचान ,गौत्र, जाति ,धर्म,देश
सब पर विचार किया,
फिर भी संतुष्टि नहीं मिली नहीं।
फिर मन से आवाज आई ,
इन्सान हो और कुछ नहीं।