जाने क्यूं खुशियां
मना रहे हैं लोग !!!
मेरी जिंदगी का एक
और साल कम पड़ गया
एक और साल जुड़ गया
जीवन के अध्याय में,
इस खुदगर्ज दुनिया ने
इस वर्ष में अपने-अपने रंग दिखाये
बहुत ही दर्द दिये, आँसू दिये इस वर्ष ने
पर ना जाने क्यूं नववर्ष के
आने की खुशी से ज्यादा
इस वर्ष के जाने का मलाल
ज्यादा है
कुछ अधूरा-सा लग रहा है
गम बहुत जियादा है
एक और दंदा टूटा गया है आज
कंघी से
एक वर्ष और बीत गया
इस जीवन का…