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एक ही मुस्कान पर

आज भी हम तुम्हारी
एक ही मुस्कान पर,
सैकड़ों शायरी बना सकते हैं
तुम मुस्कान तो दो।
आज भी शब्दों के फूलों को
बिछाकर राह में
स्वागत करेंगे, तुम, हमें
आने का कुछ पैगाम तो दो।

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