ए आलस तू भाग जा
यूँ जिन्न की तरह मुझपर
ना कब्ज़ा जमा
बहुत कुछ ज़िन्दगी में
है करने को अभी बाकी
तू मेरी कल्पनाओं पर ना
यूँ लगाम लगा
मंसूबे तेरे मैं पहचान गयी हूँ
इसलिए तुझको मैं त्याग चुकी हूँ
अब तू इस तरह से ना घेरा लगा
बस बहुत हो चुका चल तू भाग जा
©अनीता शर्मा
अभिव्यक्ति बस दिल से