Site icon Saavan

ए चाहत

एक दिन दिल ने जब कहा ,
वहाँ दग़ाबाज़ों का बसेरा है।
नादान चाहत से तब मैं कहा ,
संभल वहाँ जरूर कोई सपेरा है।।

Exit mobile version