बनाकर कठपुतलियों को अपने इशारों पर नचाते हैं
धागों से चारों तरफ फिर उनको बाँधते हैं
बेजान सी होकर भी सबके मन को लुभाती है
अपने मनभावन नृत्य से वो पैसे कमाती है।।
बनाकर कठपुतलियों को अपने इशारों पर नचाते हैं
धागों से चारों तरफ फिर उनको बाँधते हैं
बेजान सी होकर भी सबके मन को लुभाती है
अपने मनभावन नृत्य से वो पैसे कमाती है।।