ज़िंदगी में खुशियाँ मिली तो गम भी मिला
मिली चोटें अक़्सर फिर मरहम भी मिला
इसका अफ़शोस नहीं ‘मन’रोया हर राह पर
अफ़शोस के जो चाहा हमेशा कम मिला
ज़िंदगी में खुशियाँ मिली तो गम भी मिला
मिली चोटें अक़्सर फिर मरहम भी मिला
इसका अफ़शोस नहीं ‘मन’रोया हर राह पर
अफ़शोस के जो चाहा हमेशा कम मिला