कमबख्त दिल सब समझता है
खुद दिल से दूरियां रखते है
वज़ूद सामने होता है लेकिन
खुद को बहरूपिया रखते है
राजेश’अरमान’
कमबख्त दिल सब समझता है
खुद दिल से दूरियां रखते है
वज़ूद सामने होता है लेकिन
खुद को बहरूपिया रखते है
राजेश’अरमान’