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कलम

मेरे दिल और दिमाग की जद्दोजहद में कलम की स्थिति गम्भीर देखो,
दोनों अपनी अपनी ओर खींचे कैसे कलम की डोर देखो,
लिखने को लिख दूँ मैं अपने मन की हर एक पीर देखो,
पर असमन्जस की स्याही से खिंचे न कोई लकीर देखो॥
~ राही (अंजाना)

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