कविता Anil Goyal 8 years ago जब भी मै अकेलेपन का बोझ, महसूस करता हूँ दिल पर अपने तो कलम खुद ब खुद बन कर साथी हाथ में मेरे आ जाती है, और वो बोझ उतर कर दिल पर से , कागज़ पर सिमट आता है, और उसका यह सिमटना ही, आगे चल कर “कविता” कहलाता है.