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कविता

सपना उज्जवल भविष्य का
जितना ही बड़ा होगा
कामयाबी का ताज रत्नों से
उतना ही जड़ा होगा
क्या हुआ अभी फर्श पर
नज़र आते हैं हम
कल अपने सम्मान में भी
जनसैलाब उमड़ा होगा
©अनीता शर्मा
अभिव्यक्ति बस दिल से

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