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कविता

कोई भी तीर चला ले मगर एक
बात है खासिद,
हमें भी चोट खाने में महारत
कम नही हासिल |
कहा मतिहीन करते है तजूर्बें से
बडे होना
भले ही उम्र कल की है तजूर्बा
कम नही हासिल ||
उपाध्याय…

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